भारत का राष्ट्रीय ध्वज' तिरंगा है। इसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद व सबसे नीचे हरा रंग है। सभी रंग
बराबर अनुपात में हैं। सफ़ेद रंग की पट्टी पर झंडे के मध्य में नीले रंग का चक्र है
जिसमें 24 तीलियाँ हैं।
किसी देश का
राष्ट्रीय ध्वज उस देश के सम्मान तथा गौरव का प्रतीक होता है, यह उस देश के
स्वतंत्रता तथा आत्मसम्मान को भी दर्शाने का प्रयास करता है। यही कारण है कि हर
देश के नागरिकों द्वारा अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज का काफी सम्मान किया जाता है।
आम तौर पर कॉमनवेल्थ, ऐशियन, ओलम्पिक, क्रिकेट वर्ड कप, फ़ुटबाल वर्ड कप जैसे खेलो में सभी देशो के झंडे को लगाया जाता है।
जब 2 देशो के खिलाड़ी खेलते है तो उनका
स्कोर दिखाने के लिए भी झंडे का इलेक्ट्रनिक लोगो दिखाया जाता है।
विश्व के सभी
देशो का अपनी अलग आकृति और रंगो वाला झंडा है। अपहले
राष्ट्रीय ध्वज को स्वामी विवेकानंद की शिष्य भगिनी निवेदिता ने 1904 में डिजायन किया था। दूसरे ध्वज को मैडम कामा और
उनके साथी क्रांतिकारियों ने 1907 में बनाया था। तीसरे राष्ट्रीय ध्वज को डॉ
ऐनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने 1917 में बनाया था।
चौथे राष्ट्रीय ध्वज को आंद्रप्रदेश के युवक पिंगली वेंकैया नामक युवक ने बनाया
था।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय पर्वों पर
काफी उत्साह और जोश के साथ फहराया जाता है जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस आदि। भारतीय ध्वज को सम्मान और आदर करने के
लिये तथा विद्यार्थियों को प्रेरणा देने के लिये स्कूल और शिक्षण संस्थानों (कालेज, विश्वविद्यालय, खेल कैंप, स्कॉऊट कैंप आदि) में भी फहराया जाता है।
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